Saturday, July 25, 2009

मैं जो दीप जलाये चलता हूँ

मैं जो दीप जलाये चलता हूँ मैं जो दीप जलाये चलता हूँ ,
आंधियों ! बुझा न देना उसको मैं जो राह बनाये चलता हूँ,
तूफानों ! मिटा न देना उसको मैं कितना लड़ा हूँ जिंदगी से,
वहारों ! बता न देना उसको मैं मजबूरियों से दूर हूँ,
यादों ! सता न देना उसको, मैं जो दीप जलाये चलता हूँ,
आंधियों ! बुझा न देना उसको मैं दुखों में उनके लिए हँसता हूँ,
आंसुओं ! रुला न देना उसको मैं हार रोज आहें भरता हूँ,
ख्वाबों ! जता न देना उसको मैं वेचैनी में जब देखना चाहूँ,
घटाओं ! छुपा न देना उसको
मैं जो दीप जलाये चलता हूँ ,
आंधियों ! बुझा न देना उसको
रचियता : राजेंद्र सिंह कुंवर ' फरियादी
ग्राम - सिरसेड, पट्टी - कडाकोट,
पोस्ट - कफना, द्वारा - क्रितिनगर,
तहसील - देवप्रयाग, जिला - टिहरीगढ़वाल
उताखंड - २४९१६१

1 comment:

  1. ब्लॉग पर आने के लिए धन्यवाद ! आपकी रचना अच्छी है ...

    ReplyDelete